हरे कृष्ण, जैसा की आप जानते है चार युग है - सतयुग -त्रेतायुग -द्वापरयुग और कलियुग। और वर्तमान में दोस्तों कलियुग चल रहा है। हमारे धर्म ग्रंथो में कलियुग के बारे में कुछ भविष्यवाणिया की गयी है जो की आज सच साबित हो रही है। हम हमेशा से ये जानना चाहते है की भविष्ये में क्या होने वाला है। तो भविष्ये अंधकारमय है। ऐसा में नहीं श्रीमद्भगवतम के 12 स्कन्द के चैप्टर 2 में पेरडिक्ट किया गया है। इस वीडियो के दो पार्ट है आज के हिस्से में हम जानेगे की कौन से पेरडिक्शन आज वर्तमान में सच साबित हो रहे है।
01 कलह और पुर्जे का युग
कलियुग को कलह का युग बोला गया है - मतलब की दो व्यक्ति कभी भी एक दूसरे से सहमत नहीं होंगे। सब अपने मन से चलेंगे "मेरी मर्जी " इस तरह से पुरे संसार में हमेशा कलह (डिबेट और आर्गुमेंट ) चलते रहेंगे। इसके साथ साथ कलियुग के अंदर जो शब्द है कली उसका अर्थ पुर्जा ---तो ये युग पुर्जो का युग होगा - तो हम देखते है की कलियुग में मशीन डेवलपमेंट में बहुत तरक्की हुई है। इस संसार से अब सूक्ष्म विज्ञान खत्म हो चूका है -- लास्ट वारियर जिन्होंने शब्द बाण का उपयोग सीखा था वो पृथिवी राज चौहान थे। आज लोग मन्त्र -जप आध्यतम को स्थूल विज्ञान से साबित करना चाहते है जो की सम्भव नहीं है क्योकि ऐसी बहुत से वस्तुए है जिन्हे हम देख नहीं सकते -सुन नहीं सकते और महसूस भी नहीं कर सकते। तो दूसरे लक्षण के तरफ आगे बढ़ते है।
०२ कमजोर बुद्धि और कमजोर शरीर
एक और बड़ी ही सच होने वाली बात लिखी है कलियुग में लोगो की बुद्धि कम हो जाएगी शरीर धीरे धीरे कमजोर हो जायेगा दोनों ही बात आज हम देख सकते है। मेडिकल साइंस के दावों के बावजूद भी आज मनुष्ये के आयु धीरे धीरे होती जा रही है अपने चारो तरफ देखिये हर फॅमिली मैं कोई न कोई कैंसर का मरीज मिल जायेगा।
नो डाउट वैक्सीन ने श्याद नवजात शिशु की मृत्यु दर कमी लाई हो लेकिन मेडिकल साइंस लोगो की उम्र को नहीं बढ़ा पायी है और आज वास्तिविकता यह है की लोग 65 75 से ज्यादा जी नहीं पाते है।
नए नए तकनीक से हमने अपने दिमाग का इस्तमाल करना बंद कर दिया है मसलन अगर आपको कंही जाना है तो आपके पास गूगल मैप है , और अगर कुछ जोड़ना है तो मोबाइल मैं कैलकुलेटर है , फ़ोन नंबर श्याद एक भी याद न हो। तो हम लोगो ने लगभग अपना दिमाग इस्तमाल करना बंद कर दिया है तो जाहिर सी बात है की धीरे धीरे हमारी बुद्धि कमजोर होती जा रही है और मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी कहा था की जिस दिन टेक्नोलॉजी का इस्तमाल मनुष्ये हद से ज्यादा करेगा तो आने वाली पीढ़िया मुर्ख हो जाएगी
03 अजीब रिश्ते
श्रीमद भगवदम के 12.3 में वर्णन आया है की कलियुग मैं रिश्ते बेहद कमजोर हो जायेगे क्योकि वो सिर्फ बाहरी आकर्षण पर आधारित होंगे। इन रिश्तो का उद्धष्ये सिर्फ सेक्स पर निर्भर करेगा और विवाह का क्या उद्श्ये होगा लोग इससे भूल जायेगे और विवाह सिर्फ सेन्स एन्जॉयमेंट बन कर रह जाएगा। तो आज हम देखते है की किस तरह से तलाक के केसेस ज्यादा आने लगे है। पार्टनर्स एक दूसरे के पार्टी ईमानदार नहीं है और अवैध समभंद और इससे रिलेटेड अपराध भी बढ़ते जा रहे है।
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एक भवष्यवाणी है जो की सच हो रही है वो है गन्दा है पर धंधा है ये जी - 12.3 में ही ये लिखा है की कलियुग के अंदर व्यापार की सफलता कपट पर निर्भर होगी। यानी की जो जितना बड़ा कपटी होगा उतना बड़ा ही उसका धंधा होगा। आपने खुद ही देखा है पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई व्यापारी देश से लापता हो गए है --आगे भी होंगे।
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और आज कल फिल्म वाले फ्रॉड साधुओ पर बड़ी फिल्मे बनाते है वैसे वो खुद भी फ्रॉड होते है परन्तु वो कुछ नया नहीं बोल रहे। श्रीमद भागवतम बता रही है की कलियुग के लोग इतने बेवकूफ हो जायेगे की वो बस ऊपरी दिखावे से तय कर लगे की कौन साधू है। और फिर ऐसे साधुओ से ठगे जायेगे। और फिर बोलेगे सब साधू फ्रॉड है। ऐसा इस लिए होगा क्योकि वो लोग खुद भगवद गीता , भगवद पुराण का अध्यन नहीं करेंगे। जो बात करने में चपल होगा। जो भगवा पहन कर या लम्बी दाढ़ी रख कर चिकनी -चुपड़ी बाते करेगा उसको लोग आध्यत्मिक मान लगे। जो लोगो को सच न बता कर चिकनी चुपड़ी या चुटकुले सुनाएगा लोग ऐसे साधु को सुन कर उसको फॉलो करेंगे और जो भगवद गीता - बर्ह्मचर्ये - पुराणों से गंभीर शिक्षा देगा लोग उसको नहीं सुनेगे। असली साधु जब लोगो से मिलेगा तो उन्हें बताएगा की अवैध सम्भन्द मत बनाओ तो लोग उसका मजाक उड़ायेंगे या फिर उसे पुराने विचारो वाला बोलेगे। असली साधू बोलेगा नशा मत करो - तो भी लोग उसकी बातो का उपहास करेंगे और यूट्यूब का चैनल चेंज कर देंगे। जब असली साधू बोलेगा की जुआ मत खेलो तो लोग बिज़नेस कह कर रमी आदि गेम डाउनलोड करेंगे। तो जो सिर्फ उनके मन के हिसाब से चकनी चुपड़ी बाते करेगा लोग उसे ही आध्यात्मिक व्यक्ति मान लगेेे ।
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