शनिवार, 8 नवंबर 2025

भीष्म की पुकार

भीष्म बन कर राष्ट्रहित बहुत देखा हमने।  

हमारे आशीष से असुर को बनता देखा हमने।  


ईरान-ईराक अफगान पाकिस्तान ये सब था राष्ट्र  हमारा।   

इनसबको अपने हाथ से जाता देखा हमने।  


धर्म विमुख -कृष्ण विमुख राष्ट्रप्रेम एक धोका है 

दर्योधन का पोषण करने का बस  एक इन्द्रिये सुख का मौका है।  


अपना धर्म न जाना हमने ,जप - तिलक -कंठी को त्यागा हमने 

मांस मदिरा अति- भोगवाद से लिप्त वर्णसकंर को जन्मा हमने 


भूल गीता -भूल दिनकर-भूल संतो की भाषा।  

भांडगिरी बॉलीवुड को ही सबकुछ समझा हमने।    


बच्चो को शादी में डी.जे पर नचवाओगे 

भला ऐसे राष्ट्र बचाओगें? 


करो अब महा-रण की तयारी 

न छूटे कोई मेलच्छ इस बारी।  


जब आप किशोर रफ़ी माइकेल को छोड़ 

करगे गीता -भगवता का अध्यन तभी होगा 

भविष्य की पीढ़ी का निर्मल मन  


पर तयारी इसकी हर घर पर करनी होगी।   

कृष्ण -मति कृष्ण गति उतपन्न करनी होगी  . 

जब घर घर पर होगा गीता -गौ धर्म रक्षा का भाषण 

तभी बचेगा प्यारा भारतराष्ट्र का शाषण 

Website counter